सोनभद्र बना मजदूरों की कब्रगाह – दिनकर
ओबरा ‘सी‘ में दुर्घटनास्थल का दौरा किया
मजदूरों की जीवन सुरक्षा के नहीं हो रहे इंतजाम
12 जनवरी को सम्मेलन में उठेगा मजदूरों की जीवन सुरक्षा का सवाल
ओबरा, सोनभद्र। प्रदेश का दूसरा बड़ा औद्योगिक केन्द्र सोनभद्र मजदूरों की कब्रगाह में तब्दील हो गया है। मजदूरों की जीवन सुरक्षा के लिए दिए उच्च न्यायालय के आदेश, शासनादेश व जिला श्रम बंधु की बैठक में लिए निर्णयों का भी अनुपालन उद्योगों में नहीं कराया जा रहा है। ओबरा की निर्माणाधीन ‘सी‘ परियोजना में हुई दुर्धटना में मृत व घायल किसी मजदूर का निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण नहीं था। लगातार इस पर अपर श्रमायुक्त के आदेशों को लागू नहीं किया जा रहा है। यह बयान आज ओबरा सी प्लांट में हुई दुर्धटना स्थल का दौरा करने के बाद श्रम बंधु व वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने जारी किया। उन्होंने घटना का निरीक्षण करने आयी सहायक निदेशक कारखाना श्वेता वर्मा व दुशान व ओबरा तापीय परियोजना के मौके पर मौजूद प्रतिनिधियों से भी अपनी आपत्ति दर्ज करायी।
उन्होंने कहा कि सोनभद्र जनपद की अनपरा तापीय परियोजना में तो जंगल राज कायम हो गया है। मजदूरों की जिदंगी को कीडे मकोडे की हालत में पहुंचा दिया गया है। एक साल में कई दुर्धटनाओं में मजदूर मर चुके है या घायल हो चुके है। बावजूद इसके मजदूरों को सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जाते। यदि जसपाल सिंह को सेफ्टी बेल्ट दी होती तो उसकी जान बच जाती। ओबरा में हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी सभी मजदूरों को सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए। हिण्डालकों तक में पिछले वर्ष राजेश सोनी से लेकर कई मजदूर मरें और कई बुरी तरह घायल हो चुके है। शीध्र ही इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उ0 प्र0 शासन को भेजी जायेगी और यदि तब भी कार्यवाही नहीं हुई तो मजदूरों की जीवन सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाली जायेगी। उन्होंने बताया कि 12 जनवरी को पिपरी नगर पंचायत सभागार में आयोजित ठेका मजदूर यूनियन के जिला सम्मेलन में सोनभद्र के मजदूरों के जीवन सुरक्षा का सवाल प्रमुख सवाल बनाया जायेगा। सम्मेलन के मुख्य अतिथि स्वराज अभियान के राष्ट्रीय नेता अखिलेन्द्र प्रताप सिंह होंगे। उन्होंने मजदूरों से इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में हिस्सेदारी की अपील की।