स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए पुस्तकों का अध्ययन आवश्यक – एसएन सिंह
दुद्धी, सोनभद्र। पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती अधिवक्ता दिवस समारोह के रूप में अधिवक्ताओं द्वारा उल्लास पूर्ण माहौल में मनाई गई l कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यनारायण सिंह का माल्यार्पण एवं अंगवस्त्रम से सम्मान किया गया। श्री सिंह ने कहा कि अध्ययन एवं अध्यापन के माध्यम से अधिवक्ता ज्ञानार्जन कर वादकारियों को सस्ता और सुलभ न्याय प्रदान कर, न्यायपालिका की गरिमा को सदाचरण से आगे बढ़ाया ज सकता है। सिविल बार अध्यक्ष प्रभु सिंह ने कहा कि विभिन्न मतभिन्नता के बावजूद न्याय प्रदान करने के लिए अधिवक्ता धर्म एवं पंथनिरपेक्ष होकर कार्य करता है यह संविधान की मूल अवधारणा को अधिवक्ता दर्शाता है। नंदलाल अग्रहरि ने कहा कि अधिवक्ता समाज से होना अधिवक्ता के लिए गर्व की बात है, पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का पैतृक क्षेत्र आज भी विद्वत्ता की गाथा का बखान करता है। ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद जी पूर्व में पेशे से अधिवक्ता थे।उन्हें अपने मुकदमे की फाइल की पूर्ण रूप से कंठस्थ जानकारी होती थी। सत्यनारायण यादव ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि भ्रष्टाचार पर चोट के लिए पक्षपात से दूर विद्वेष एवं कलह का वैचारिक विषपान करना पड़ा। राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद के पद चिन्हों पर चलते हुए अपने मुकदमों की अच्छी तरह अध्ययन करने का सुझाव दिया। इसके अलावा शिवशंकर प्रसाद, जवाहरलाल, दिलीप पाण्डेय समेत दर्जनों वक्ताओं द्वारा अपने अपने अमूल्य विचार व्यक्त किये गये। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर किया गया l संचालन सिविल बार सचिव मनोज कुमार मिश्रा द्वारा किया गया l इस मौके पर अधिवक्ता कैलाश गुप्ता, जगदीश्वर जायसवाल, कामेश्वर चौरसिया, विष्णुकांत तिवारी, छोटे लाल अग्रहरि, राकेश तिवारी, आशीष गुप्ता, राकेश अग्रहरि , रेणु गुप्ता, रेणुवंति गुप्ता, मनोज आजाद, सुनील द्विवेदी, डीएस सिंह समेत सैकड़ों विद्वान अधिवक्ता मौजूद रहे l