पावर सेक्टर के निजीकरण पर लगे रोक -वर्कर्स फ्रंट
बिजली आंदोलन पर वर्कर्स फ्रंट अध्यक्ष दिनकर कपूर का प्रेस वक्तव्य
संविदा कर्मियों के सवालों को भी कराया जाये हल
ओबरा-सोनभद्र।
बिजली कर्मचारियों से हुए समझौते पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा कि देश में आज कर्मचारियों पर चौतरफा हमला बोल दिया गया है। मजदूरों को प्राप्त कानूनी अधिकारों को खत्म करने के लिए बनाएं गए चार लेबर कोड इसका ज्वलंत उदाहरण है। पावर सेक्टर के निजीकरण और इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल- 2022 वापस लेने जैसे सवालों को बिजली कर्मियों ने उठाया। आम जनता के मिले समर्थन की वजह से ही इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल -2022 लोक सभा में पेश करने के बाद संसद की स्टैंडिंग कमेटी को भेजना पड़ा। दरअसल पावर सेक्टर के निजीकरण से न सिर्फ कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ेगी बल्कि आम जनता को भी अत्यधिक मंहगी दर पर बिजली खरीदनी पड़ेगी। इसीलिए इस आंदोलन के प्रति आम आदमी की सहानुभूति भी रही। उन्होंने कहा कि पावर सेक्टर का निजीकरण देश के हित में कतई नहीं है ऐसे में इसके निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस बार समझौते का अक्षरशः अनुपालन हो। वर्कर्स फ्रंट ने बिजली विभाग में संविदा कर्मियों के सवालों को भी हल करने की मांग मुख्यमंत्री से की है। कहा कि स्थिति इतनी खराब है कि न्यूनतम मजदूरी, बोनस, ईएसआई सुविधा आदि भी मजदूरों को प्राप्त नहीं है। आज ओबरा तापीय परियोजना के ऊर्जा भवन में हुए धरना में भी दिनकर कपूर के नेतृत्व में वर्कर्स फ्रंट के सदस्य शामिल रहे।