पर्याप्त बारिश न होने से किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी
म्योरपुर/सोनभद्र(विकास अग्रहरि)
स्थानीय विकास खंड क्षेत्र के किसान पर्याप्त बारिश न होने से खुद को लूटा हुआ महसूस कर रहे हैं। कारण कि उनकी कई फसलें सूख गई और कुछ का नाममात्र ही उत्पादन हुआ। क्षेत्र सूखाग्रस्त घोषित न होने से बीमा कंपनी भी उनकी फसलों का बीमा नहीं दे रही हैं। किसानों ने डीएम का ध्यान आकर्षित करते हुए बीमा का क्लेम दिलाने का अनुरोध किया है।दक्षिणांचल का क्षेत्र पूरी तरह उबड़-खाबड़ और पथरीला है। यहां पर खेती पूरी तरह से बारिश पर आधारित है। बारिश कम होने से उपज या तो सूख जाती है या फिर काफी कम रह जाती है। जबकि जिले के अन्य हिस्सों में यह स्थिति नहीं होती है।ऐसे में यहां के किसानों को सूखा राहत से कोई मदद नहीं मिलती है और इस क्षेत्र का किसान अपने आप को ठगा महसूस करता है। इस क्षेत्र में किसानों ने मक्का,सावा,तिल, अरहर और धान की बोआई की थी।सावा की फसल तो कुछ हो भी गई। मक्का की फसल मार खा गई। तिल की फसल भी आंशिक उत्पादन ही दे सकी। अब पानी की कमी के कारण किसान रबी के फसल की बोआई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे।किसान रामदेव,राम किशुन,दयाशंकर,संम्पत, रामप्रसाद, हरि प्रसाद, प्रेम शंकर ने कहा कि पर्याप्त वर्षा न होने के बावजूद क्षेत्र को न तो सूखा ग्रस्त घोषित किया गया न ही किसानों को कोई राहत दी गयी। जिस कारण किसान अपनी जमा पूंजी खेतो में डाल आज रोटी को तरस रहे हैं।राम सहाय का कहना था कि हमने फसल बीमा कराया था। सूखा से हुए नुकसान का क्लेम भी बीमा कंपनी नहीं दे रही है। उन्होंने जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित कराते हुए बीमा क्लेम दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बार-बार शिकायत करने के बाद मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता है। मांगें पूरी नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी।