सम्मेलन की अनुमति न देने की आइपीएफ ने निंदा की प्रशासन की कार्यवाही को बताया अलोकतांत्रिक
आदिवासियों की आवाज़ को दबा रही है भाजपा
सोनभद्र। वनाधिकार कानून के तहत जमीन पर मालिकाना हक, कोल को जनजाति का दर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि के सहकारीकरण, आदिवासियों समेत गरीबों को ब्याज मुक्त लोन, किसानों की उपज का वाजिब दाम पर खरीद और सस्ते दामों में खाद, बीज, पानी की उपलब्धता जैसे मुद्दों पर जन जागरण मुहिम के तहत कल बभनी में होने वाले आदिवासी वनवासी सम्मेलन की प्रशासन द्वारा अनुमति न देने की कार्यवाही पर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आइपीएफ प्रदेश संगठन महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से आदिवासियों और नागरिकों को सम्मेलन की अनुमति न देने की प्रशासन की कार्यवाही पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। कहा कि यह दुखद है कि इस तरह शांतिपूर्ण ढंग से आम सभा और सम्मेलन की सामान्य लोकतांत्रिक गतिविधि की अनुमति देने से इंकार किया जा रहा है। दरअसल योगी सरकार की कतई दिलचस्पी सोनभद्र के आदिवासियों और नागरिकों के बेहद ज्वलंत मुद्दों को हल करने की नहीं है। यही वजह है कि भाजपा आदिवासियों और नागरिकों की आवाज को कुचलने पर आमादा है।