श्रीराम कथा के अंतिम दिन रावण बध लँका पर विजय अयोध्या वापसी के बाद जश्न में डूबे श्रोता
बीजपुर/सोनभद्र (विनोद गुप्त) बीजपुर थाना क्षेत्र के सेवकाडाड पूजा पंडाल में नौ दिवसीय श्रीराम कथा के अंतिम दिन हनुमान द्वारा ऋषिमुख पर्वत पर बानर राज सुग्रीव से मित्रता प्रभु श्रीराम के सहयोग से बाली राज का वध बानर राज सुग्रीव तथा वानरी सेना की सहायता से लँका पर चढ़ाई भीषण युद्ध के बाद लँका धिपति रावण वध लँका पर विजय श्रीराम ने माता सीता लक्ष्मण को पुष्पक विमान से अयोध्या लेकर आए। जहाँ चारो तरफ खुशियाँ मनाई जाने लगी अयोध्या में राजा राम का राजतिलक देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। श्रीधाम वृंदावन से पधारी प्रख्यात कथा वाचिका सत्यार्चा जी के श्रीमुख से भगवांन श्रीराम के कथा का विन्दुवार वर्णन श्रोताओं के दिल मे कथा घर कर गया।अंत मे श्रीराम माता सीता लक्ष्मण की शानदार झाँकी निकाली गई जिसको देख दर्शक श्रोता भावविभोर होकर खुशी से झूम उठे। अंत मे रामायण की आरती और प्रसाद बितरण के पश्चात अपने स्थान को यह कह कर सभी विदा लिए की अब तो जाते अपने गाँव, बोलो राम राम राम। अंतिम दिन कथा के मुख्य अतिथि रामभोग जायसवाल ने सपरिवार पहुँच कर पूजापाठ कर कथा की सुरुआत की। इस अवसर पर सुशील जायसवाल, रामचन्द्र गुप्ता, रमेश गुप्ता, सतेश्वर जायसवाल, श्यामलाल गुप्ता , राजेश सहित भारी संख्या में श्रोताओं ने नौ दिन तक कथा का जमकर आनन्द उठाया। अंत मे कन्या पूजन के बाद हजारों लोगों ने भंडारे में महाप्रसाद ग्रहण किया और जय श्रीराम के जयकारे से समूचा क्षेत्र गूँज उठा।