लखनऊ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों की उठ रही मांग को न सुनना हठधर्मिता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 400 फीसदी फीस वृद्धि को वापस लेने की मांग पर जारी छात्रों के आंदोलन की मांग पर विश्वविद्यालय प्रशासन गौर करे और विश्वविद्यालय प्रशासन व मानव संसाधन विकास मंत्रालय को वार्ता करके इसे हल करना चाहिए। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आंदोलनरत छात्रों द्वारा जिस तरह से आत्मदाह करने का प्रयास किया जा रहा है और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनकी मांगों की जिस तरह उपेक्षा की जा रही है वह चिंताजनक है। आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने प्रेस को जारी अपने बयान में यह बातें कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा देना सरकार का संवैधानिक दायित्व है जिसे सरकार को पूरा करना चाहिए। जहां तक विश्वविद्यालय में संसाधनों की कमी की बात है उसे फीस वृद्धि से पूरा करने की जगह सरकार को फालतू खर्चों पर रोक लगाकर पूरा करना चाहिए। कारपोरेट घरानों पर महज वेल्थ टैक्स लगाकर शिक्षा का बजट बढाया जा सकता है और छात्रों की समस्याओं को हल किया जा सकता है।