सोनभद्र के मकरा में मलेरिया पीड़ित तीन गंभीर
सोनभद्र। उत्तर प्रदेश का एक ऐसा जिला जिसे ऊर्जा की राजधानी कहते हैं। प्रदेश से 500 किमी दूर सोनभद्र जिले से 80 किमी दूर म्योरपुर ब्लॉक क्षेत्र के रिहन्द डैम जलाषय के तलहटी से लेकर पहाड़ियों के बीच बसे गांव कुलडोमरी के सिदहवा हरिजन बस्ती में तीन दिन पूर्व टाइफाइड पीड़ित 14 वर्षीय नंदा पुत्र स्व0 बबलु की मौत ने जिला प्रशासन की होश उड़ा दिया है। गांव में लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मलेरिया टायफाइड सहित अन्य जांच कर निःशुल्क दवा वितरण का कार्य तेजी से शुरू कर दिया है। बीते रविवार को स्वास्थ्य विभाग म्योरपुर द्वारा शिविर लगाकर 62 मरीजों की मलेरिया टायफाइड जांच किया गया। जिसमें दर्जनों की संख्या में मलेरिया पॉजिटिव मरीज पाए गए। सोनभद्र स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 17 वर्षीय राम जनम, 46 लाल जी, 67 राम बाली, 25 उर्मिला, 35 अन्नु, 9 मोहित, 30 सरिता, 46 गुलाबी, 4 ललवाती,11 नेहा,12 सुनीता सहित तीन दर्जन बुखार से पीड़ित है। वही चर्चित मकरा सिंदूर के अगरियाडीह में मलेरिया से पीड़ित 40 वर्षीय रामदुलारे और 38 वर्षीय उसकी पत्नी सविता, जिला मुख्यालय के एक अस्पताल में भर्ती है। वही पुत्र 7 वर्षिय प्रवीन का इलाज गांव में झोला छाप से कराया जा रहा है। गांव के लभरीगढ़ा और अन्य टोलो में आधा दर्जन बीमार है।मोबाइल मेडिकल यूनिट वैन के चिकित्सक डॉ विनय श्रीवास्तव ने दर्जनों ग्रामीणों का इलाज किया। गांव में लगातार कैम्प कर निःशुल्क दवा भी वितरण किया।
सोनभद्र मलेरिया अधिकारी डॉ डी0एन0 श्रीवास्तव ने बताया की स्थिति सामान्य है। हरिजन बस्ती में कैंप किया गया है। सभी को दवाइया दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार गांव में शिविर लगाकर निःशुल्क इलाज व दवा वितरण करते रहेंगे।
सोनभद्र सी0एम0ओ0 डॉ आर0एस0 ठाकुर ने बताया की किसी आवश्यक कार्य से लखनऊ आया हूं। क्षेत्र में झोलाछाप द्वारा इलाज करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में भेजकर इलाज कराया जाएगा।
इनसेट
पिछले वर्ष अगस्त की महीनों से लगातार दर्जनों ग्रामीणों की मौत मलेरिया टायफाइड की वजह से हुई थी। कुलडोमरी व मकरा के दर्जनों टोला में दूषित पानी को लेकर ही तेजी से बीमारी फैली हुई थी। लेकिन साल पूरे हो गए सिर्फ आश्ववासनो तक सिमटा रह गया शुद्ध पेय जल की व्यवस्था। मकरा के अगरियाडीह, गाड़ा में जिलाधिकारी सोनभद्र और एसडीएम दुद्धी के साथ राज्य मंत्री संजीव गोंड का आश्वासन पूरा नहीं हुआ। फ्लोराइड नाइड्रेड, आयरन युक्त पानी पी रहे जल निगम ने दो एफआरयू प्लांट लगाया। जबकि जरूरत सात की बताई गई थी। राज्यमंत्री और क्षेत्र के विधायक ने पिछले साल भरी सभा में माना था, की पानी दूषित है, लेकिन पहल आश्वासनों तक सिमित रहा गया।