सोनभद्र

महिलाए खुद उद्यमी है ,उन्हे दे प्राथमिकता

प्राकृतिक जीवन जीने के लिए मोटे अनाज को बनाए भोजन काहिस्सा

बनवासी सेवा आश्रम में एक दिवसीय महिला उद्यमी कार्यशाला

म्योरपुर/सोनभद्र(विकास अग्रहरि)

बनवासी सेवा आश्रम के विचित्रा महा कक्ष में बुधवार को अति पिछले जिलों में महिला उद्यमियों के रोजगार सृजन और स्वरोजगार से जुड़ कर आर्थिक विकास में अग्रणी भूमिका निभाने की तैयारी को लेकर इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रीकल्चर प्रोडक्शन संस्थान नई दिल्ली द्वारा व्यवसायिक कार्य से जुड़ी महिला उद्यमियों का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।मुख्य अतिथि शुभा प्रेम ने महिलाओ के सशक्तिकरण पर प्रकाश डालते हुए दहेज और शादी में फिजूल खर्ची और दिखावे से दूर रहने की सलाह दी।, कहा की महिलाओ के सम्मान को केवल सुशोभित करना और समाज में महिमा मड़प कर घरेलू और सामाजिक हिंसा करना अपमान है।कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक डा रश्मि सिंह ने महिलाओ का आह्वान किया कि मोटे अनाज की पहचान और खुबिया पूरी दुनिया को है।उसे अपने भोजन में शामिल करे। उन्होंने कहा की सावा कोड़ो, मेड़ों, मेझरी,जैसे अनाज स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।साथ में मूंगा की साग महिलाओ के लिए राम बाण है।जबकि बाजार के खाद्य पदार्थो में पौष्टिक तत्वों की कमी है। संस्थान के वरिष्ठ परामर्श दाता कुंज मोहन ने कहा की महिला अपने आप में उद्यमी है उसके सलाह और जानकारी के बिना कृषि कार्य और उत्पादन अधूरा है जरूरत इस बात की है की अपने उत्पाद को महिलाए कैसे समूह के जरिए बेच कर कम लागत में ज्यादा आमदनी करे। डा दिव्या रॉय ने संस्थान के उद्देश्य पर प्रकाश डाला वही विभिन्न गावो से आई महिलाओ ने अपने अनुभव रखे। विमल भाई ने धन्यवाद ज्ञापित किया और केवला भाई ने गीता के माध्यम से महिलाओ की भागीदारी पर जोर दिया ।मौके पर फुलवंती,निर्मला देवी, अंजु,ममतादेवी शांति बहन,नीरा देवी,समेत सौ से ज्यादा महिलाए उपस्थित रही।संचालन डा दिव्या रॉय ने किया।

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Vikash Agrahari

विकास अग्रहरी सोनभद्र म्योरपुर निवासी है। कम समय मे विकास अग्रहरी आज जिले की पत्रकारिता मे एक जाना पहचाना नाम है।

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