बिजली रानी बड़ी सयानी करती रहती अपनी मनमानी रात में सत्रह बार आई लेकिन ठेंगा दिखा कर चली गयी
बीजपुर/सोनभद्र (विनोद गुप्ता) नधिरा उपकेंद्र की बेवफा बिजली सोमवार रात सत्रह बार आयी लेकिन आधीरात को ठेंगा दिखा कर चली गई।बकरिहवाँ फीडर की बिजली तमाम कोशिश के बाद भी अर्से से नियमित नहीं हो पा रही है। हर पाँच मिनट पर बिजली कटौती ने यहाँ रिकार्ड बना रखा है। दीपक तले अंधेरा की कहावत देखना हो तो उर्जान्चल के बीजपुर , नेमना, जरहा, महुली, रजमिलान, पिंडारी सहित तीन दर्जन गाँवों में चले आइए जहाँ एनटीपीसी की महारत्ना कम्पनी ने रिहन्द में तीन हजार मेगावाट का प्लांट लगा रखा है वैसे तो उर्जान्चल में लगभग 20 हजार मेगावाट बिजली पैदा होती है लेकिन यहाँ के 20 किलो मीटर परिक्षेत्र के गाँव, बाजार, चट्टी, चौराहा सब अंधेरे में डूबे रहते हैं।जर्जर उपकरण रहवासियों के लिए नाशूर बना हुआ है। यहाँ के बिजली उत्पादन से देश का कोना कोना रौशन होता है लेकिन यहाँ के जल जंगल जमीन पर लगा पावर प्लांट ग्रामीणों को मुहँ चिढ़ा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर यूपीपीसीएल ग्रामीण क्षेत्र में कागजों पर 18 घँटा बिजली दे रही है लेकिन जमीनी हकीकत सब हवा हवाई है। फाल्ट ठीक करने को बिभाग के पास नया उपकरण नही है कब बिजली आएगी और कब चली जायेगी कोई बताने वाला नही है। सांसद, विधायक, नेता जनता को चुनाव के समय लोक लुभावने आश्वासन देते हैं लेकिन कुर्सी मिलते ही जनता का दुख दर्द भूल जाते हैं। पहाड़ी जंगली इलाका होने के कारण आयेदिन जहरीले जीवजंतुओं का लोग शिकार हो रहे हैं वहीं दीपक जलाने का सहारा मिट्टीतेल भी सरकार ने ग्रमीणों से छीन लिया है राजनेताओं से जनता जानना चाहती है क्या यही है 21वीं सदी का नया भारत कैसे बनेगा विश्वगुरु।