सूखा ग्रस्त घोषित कर राहत दे सरकार- आइपीएफ
मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को दिया गया
पट्टे की जमीन पर कब्जा दिलाए प्रशासन
ओबरा, सोनभद्र। जनपद को सूखा ग्रस्त घोषित कर राहत कार्य तत्काल शुरू करने, वनाधिकार कानून के तहत आदिवासियों और वनाश्रितों को पुश्तैनी वन भूमि पर अधिकार देने, मनरेगा में 200 दिन काम और केन्द्र की कृषि मजदूरी 377 रूपये के बराबर मजदूरी करने, कोल को जनजाति का दर्जा देने, रेणुका पार क्षेत्र में सरकारी इंटर कॉलेज और लड़कियों के लिए डिग्री कालेज खोलने की मांगों पर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम ओबरा को दिया . इसके अलावा भरहरी गाँव में दलितों आदिवासियों को 2003 में ग्राम सभा की जमीन पर आवंटित पट्टों पर कब्जा दिलाने की मांग पर आइपीएफ ने एसडीएम ओबरा को पत्रक सौंपा. इस अवसर पर मौजूद आइपीएफ के प्रदेश संगठन महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि इस वर्ष बारिश न होने से ग्रामीण क्षेत्रों में भयावह स्थिति है. खेती किसानी बर्बाद हो गई है. लेकिन सरकार द्वारा अभी तक सूखा ग्रस्त घोषित कर राहत कार्य शुरू नहीं किया गया. मनरेगा तक में काम न मिलने से बड़ी संख्या में पलायन हो रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि किसानों की फसल के नुकसान के बराबर मुआवजा दिया जाए और लोगों को भुखमरी से बचाने के लिए जीवनोपयोगी वस्तुओं समेत गेंहू चावल का मुफ्त वितरण कराया जाए. आइपीएफ जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका ने कहा कि कोल के साथ बड़ा अन्याय हुआ है आदिवासी होने के बाद भी उसे जनजाति का दर्जा नहीं मिला. परिणामस्वरूप वह वनाधिकार कानून के लाभ से वंचित हो रहा है. मजदूर किसान मंच के तहसील संयोजक बलवंत सिंह खरवार ने कहा कि भरहरी गाँव में दलितों आदिवासियों को 2003 में पट्टे का आवंटन हुआ यह जमीन उनकी खतौनी तक में दर्ज है लेकिन अभी तक कब्जा नहीं मिला है. यही हाल वनाधिकार का है उसमें भी जांच और जमीन आवंटन नहीं हो रही है. कार्यक्रम में रामचंनेल भारती, श्याम सुंदर भारती, राधे कोल, मारकण्डे राम, राजबली अगरिया, सौदा कोल, कलुई देवी कोल, भगवती कोल, लालू कोल, राजकुमार कोल, लल्लू राम खरवार, दादू लाल खरवार, देवता खरवार समेत बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया।