मोदी सरकार के अड़ियल रवैये से पैदा हो सकता है गंभीर बिजली संकट-वर्कर्स फ्रंट
इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल को पेश करने का निर्णय वापस ले केंद्र सरकार
सोनभद्र। इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल-2022 के संसद के मौजूदा मानसून सत्र में पेश करते ही बिजली कामगारों द्वारा देशव्यापी हड़ताल के ऐलान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वर्कर्स फ्रंट दिनकर कपूर ने कहा मोदी सरकार के अड़ियल रवैये से देश में अभूतपूर्व बिजली संकट की अप्रिय स्थिति पैदा हो सकती है। ऊर्जांचल स्थित अनपरा तापीय परियोजना समेत अन्य बिजली व कोयला परियोजनाओं में कामगारों से संवाद करते हुए वर्कर्स फ्रंट अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा कि अडानी समेत कारपोरेट कंपनियों की मुनाफाखोरी व लूट के लिए जानबूझकर पैदा किये गए कोयला आपूर्ति संकट से देश में बिजली संकट पहले से ही है और अब अब देश भर के 15 लाख से ज्यादा बिजली कामगारों को हड़ताल के लिए बाध्य किया जा रहा है। कहा कि बिजली संशोधन विधेयक को रद्द करने की मांग ऐतिहासिक किसान आंदोलन में शामिल थी और सरकार ने भी मौजूदा स्वरूप में पेश न करने का वादा किया था। कहा कि बिजली संशोधन विधेयक राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध है। दरअसल यह डिस्कॉम के भारीभरकम इंफ्रास्ट्रक्चर को मुफ्त में ही कारपोरेट कंपनियों को मुनाफाखोरी के लिए हवाले करने का दस्तावेज है। इससे न सिर्फ किसानों व आम उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि होगी बल्कि कर्मचारियों की नौकरी भी खतरे में पड़ जायेगी। टेलीकॉम कंपनियों की तर्ज पर उपभोक्ताओं को च्वॉइस के विकल्प से नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं व बेहतर बिजली आपूर्ति का प्रचार महज शिगूफेबाजी है, दरअसल डिस्कॉम में हर कंपनी के लिए अलग नेटवर्क संभव ही नहीं है। विधेयक के चौतरफा विरोध और इसके जनविरोधी प्रावधानों के मद्देनजर वर्कर्स फ्रंट ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि बिजली संशोधन विधेयक संसद सत्र में न रखा जाये और इसे वापस लिया जाये।