आकांक्षी जनपद के बावजूद शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाएं लचर
युवा मंच ने सीएम को लिखा पत्र
शिक्षा-स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को
प्राथमिकता से भरने और बुनियादी सुविधाओं की गारंटी करने की मांग
सोनभद्र (राजेश पाठक एड.)।
आकांक्षी जनपद में शामिल होने के बाद भी जनपद में शिक्षा-स्वास्थ्य के हालात बद से बदतर बने हुए हैं। परिषदीय विद्यालयों और शासकीय माध्यमिक विद्यालयों में 40 फीसदी से ज्यादा पद रिक्त पड़े हुए हैं। इन सरकारी स्कूलों में बहुतायत संख्या आदिवासी बच्चों की है। लेकिन यहां न्यूनतम बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में हाल इससे भी बदतर है। ग्रामीण इलाकों में निजी स्कूलों की संख्या भी नगण्य है। ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी महज बयानबाजी तक सीमित हो कर रह गई है। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के आधार कार्ड में त्रुटिपूर्ण अंकन से तमाम सरकारी योजनाओं के लाभ से भी गरीब लोग वंचित हैं। इसी तरह आकांक्षी जनपद में शामिल होने के बाद भी स्वास्थ्य सुविधाओं का भी हाल जस का तस है। मुख्यमंत्री द्वारा राबर्ट्सगंज मेडिकल कॉलेज की तो घोषणा की गई लेकिन स्त्री एवं प्रसूति रोग समेत अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर के स्वीकृत पदों पर भी तैनाती के लिए कदम न उठाना हैरान करने वाला है। दरअसल शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बयानबाजी व प्रचार ज्यादा किया जा रहा है पर जमीनी हकीकत एकदम अलग है। युवा मंच संयोजक राजेश सचान द्वारा गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ईमेल के माध्यम से प्रेषित पत्र में जनपद में शिक्षा-स्वास्थ्य की बेहतरी को उठाया गया। शिक्षा-स्वास्थ्य के प्रदेश में सभी रिक्त पदों को भरने के वादे के साथ ही आकांक्षी जनपद होने के नाते प्राथमिकता के आधार पर जनपद में सभी स्वीकृत पदों को भरने और बुनियादी सुविधाओं की गारंटी सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा बयानबाजी व प्रचार के बजाय शिक्षा व स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर फोकस होना चाहिए जिसका सर्वथा अभाव है।