
म्योरपुर/सोनभद्र(विकास अग्रहरि)
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज विधानसभा में प्रस्तुत बजट में आदिवासियों और मजदूरों के लिए कुछ नहीं है। बजट में आदिवासी बाहुल्य दुद्धी तहसील में आदिवासी लडकियों के लिए आवासीय महाविद्यालय खोलने और हर ब्लाक में एकलव्य विद्यालय खोलने की लोकप्रिय मांग को पूरा नहीं किया गया। मेडिकल सुविधाओं के विकास पर बड़ी-बड़ी बातें की गई लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर विशेषज्ञ डाक्टरों विशेषकर महिला और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाक्टरों के खाली पड़े पदों को भरने की कोई योजना बजट में नहीं है। इसी प्रकार तमाम सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों पद रिक्त पड़े हुए है जिन पर भर्ती करने की कोई बात बजट में नहीं है। बजट के पूर्व पत्र भेजकर उठाई गई मांग कि प्रदेश में मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी केन्द्र के बराबर की जाएं, मनरेगा की मजदूरी 350 रूपये की जाए और तेदूं पत्ता मजदूरों की मजदूरी छत्तीसगढ़ के बराबर 4000 रूपये प्रति मानक बोरा की जाए, को भी अनसुना कर दिया गया है। बजट में मुख्यमंत्री आर. ओ. पेयजल योजना में सोनभद्र जनपद को शामिल नहीं किया गया जबकि सरकारी जांच में जनपद के सैकड़ों विद्यालयों में आर्सेनिक, मरकरी और आयरन युक्त प्रदूषित पेयजल पाया गया था। यह प्रतिक्रिया आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका ने दी।